वो सितारा है चमकने दो यूँ ही आँखों में
क्या जरूरी है उसे जिस्म बनाकर देखो.
क्या जरूरी है उसे जिस्म बनाकर देखो.
निदा फाजली-
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है.
मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है.
मजरूह सुल्तानपुरी-
मुझे सहल हो गयी मंजिलें वो हवा के रुख भी बदल गये
तेरा हाथ हाथ में आ गया के चराग राह में जल गये.
तेरा हाथ हाथ में आ गया के चराग राह में जल गये.
डा. के.के. ऋषी-
चल रही हैं नफरतों की आँधियाँ
हशर का सामान होता जा रहा है.
हशर का सामान होता जा रहा है.
मजरूह सुल्तानपुरी-
देख जिन्दां से परे रंग चमन जोशे बहार
रक्स करना है तो फिर पाँव की जँजीर न देख.
रक्स करना है तो फिर पाँव की जँजीर न देख.
विश्वनाथ दर्द-
हमसे हुई खता तो बुरा मानते हो क्यों
हम भी तो आदमी हैं कोई देवता नहीं.
हम भी तो आदमी हैं कोई देवता नहीं.
आलम कुरैशी-
तुम दोस्तों का जर्फ अगर आजमाओगे
होठों पै दुश्मनों की शिकायत न लाओगे.
होठों पै दुश्मनों की शिकायत न लाओगे.
डा. के.के. ऋषि-
'कीजिये' ऐसा के औरों को परेशानी
न हो
और वो 'कहिये' के फिर खुद को परेशानी न हो.
और वो 'कहिये' के फिर खुद को परेशानी न हो.
अरमान वारसी-
खलूसो प्यार की बातें सदा जबान पै रख
नजर जमीन पै रख चाहे आसमान पै रख.
नजर जमीन पै रख चाहे आसमान पै रख.
निदा फाजली-
इक मुसाफर के सफर जैसी है दुनिया
कोई जल्दी में कोई देर में जानेवाला.
कोई जल्दी में कोई देर में जानेवाला.
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