आह! अजहर ये जिन्दगी मेरी
एक नाकामियों का धारा है
जी रहा था किसी की हसरत में
अब खुदा जाने क्या सहारा है.
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अजहर रिज़वी-
दिल के ज़ख़्मों से खेल लो अजहर
अभी कुछ और रात बाकी है
ज़िन्दगी ख़त्म हो चुकी लेकिन
आरज़ू-ए-हयात बाकी है.
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अब्दुल हमीद 'अदम' -
जवानी बेशकीमती हादसा है
मुहब्बत खूबसूरत दर्दे-सर है
अबद तक काश मंजिल तक न पहुँचे
मेरा मेहबूब मेरा हमसफर है.
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अब्दुल हमीद 'अदम' -
मेरे जीने की बेमकसद तमन्ना
अचानक हर्फ़े-मतलब हो गयी है
तुम्हारी इक नज़र ज़ाया हुई है
मेरी दुनिया मरत्तब हो गयी है.
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अब्दुल हमीद 'अदम' -
कुछ उनके जाने वाले मरासम की तल्ख याद
कुछ उनकी आने वाली मुलाकात की खुशी
हम ख़राब हालों से पूछे कोई जरा
क्या चीज है ख़राबिये-हालात के खुशी.
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