जिसके दिल में खौफ है भगवान का
खौफ कोई उसके पास आता नहीं.
खौफ कोई उसके पास आता नहीं.
निदा फाजली-
गम है आवारा अकेले में भटक जाता है
जिस जगहा रहिये वहां मिलते-मिलाते रहिये.
जिस जगहा रहिये वहां मिलते-मिलाते रहिये.
मजरूह सुल्तानपुरी-
वो बादे-अर्ज मतलब हाय रे शौके-जवाब अपना
के वो खामोश थे और कितनी आवाजें सुनी मैंने.
के वो खामोश थे और कितनी आवाजें सुनी मैंने.
अरफान परभनवी-
उन चरागों को बुझाने की है किसमें हिम्मत
जिन चरागों की हवाओं ने जमानत ली है.
जिन चरागों की हवाओं ने जमानत ली है.
आर.डी. शर्मा 'तासीर'-
मुझको वो जिन्दगी से प्यारे हैं
साथ तेरे जो दिन गुजारे हैं.
साथ तेरे जो दिन गुजारे हैं.
आर.डी. शर्मा 'तासीर'-
हम क्या मकान सारा तुम्हें मुंतजिर मिलेगा
तुम सच्चे दिल से इक दिन दरवाजे तक तो आओ.
तुम सच्चे दिल से इक दिन दरवाजे तक तो आओ.
डॉ. के.के. ऋषि-
आने वाली सुबहा भी होगी हसीन
जाने वाली शाम को हंसकर गुजार.
जाने वाली शाम को हंसकर गुजार.
आर.डी. शर्मा 'तासीर'-
खुद माली के हाथों ये गुलिस्तां की तबाही
देखी तो नहीं जाती मगर देख रहा हूँ.
देखी तो नहीं जाती मगर देख रहा हूँ.
आर.डी. शर्मा 'तासीर'-
करके देखो तो किसी का ऐतबार
जान भी कर देगा वो तुम पर निसार.
जान भी कर देगा वो तुम पर निसार.
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